Chhath Puja: की आज के दिन खास और विशेष महत्व बताया गया है। आज देश भर में छठ पूजा का महापर्व बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। खासकर बिहार में इस पर्व को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। छठ पर्व का समापन 8 नवंबर को होने जा रहा है। वही कल 8 नवम्बर को उगते सूर्य के अर्ध देकर ही इसका समापन किया जाता है।
Chhath Puja महापर्व पर देखे आज के दिन क्या खास है:
दिवाली के बाद धूम धाम से मनाया जाने वाला महापर्व ‘छठ पूजा‘ (Chhath Puja) का समापन आज होने जा रहा है। इस पर्व का समापन आज 8 नवंबर शुक्रवार को होगा। छठ महापर्व की शुरुवात कार्तिक मॉस की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होती है। और यह चार दिन धूमधाम के साथ उगते सूर्य को अर्ध्य देने के साथ ही इसका समापन हो जाता है। 8 नवंबर यानी कल उगते सूर्य को अर्ध देने के साथ ही छठ महा पर्व का समापन हो जायेगा। आइये जानते है छठ महापर्व के आखिरी दिन क्या करे और क्या न करे। साथ ही जानें छठ महापर्व के आखिरी दिन व्रत का पारण कैसे करें।
छठ व्रत का पारण कैसे करे:
‘छठ पूजा’ (Chhath Puja) महापर्व के आखिरी दिन उगते सूर्य को अर्ध्य दिया जाता है। इस दिन घाट पर पूजन किया जाता है। इस दिन उगते सूर्य को अर्ध्य दे। इसके बाद छठी माता को अर्पित किया गया प्रसाद सभी को बाटे। घाट पर पूजन करने के बाद घर के बड़े बुर्जुगो का आशीर्वाद ले। छठी माता को आप जो प्रसाद भेंट करे। फिर उस प्रसाद को सभी लोगो को बाँट दे। इस बात का ख़ास ख्याल रखे। की व्रत के पारण करते हुए, मसालेदार भोजन न करे। व्रत का पारण के लिए आपको पूजा के डपोरन चढ़ाये गए प्रसाद जैसे ठेकुआ मिटहि आदि से व्रत का पारण करना चाइये।
व्रत से पहले सुबह सबसे पहले आपको सूर्योदय से पहले स्नान करके स्वस्छ वस्त्र धारण करना चाहिए। इसके बाद सूर्योदय से पहले ही पारण के लिए प्रसाद तैयार कर लें। प्रसाद में ठेकुआ, फल, दूध आदि चीजें शामिल की जाती हैं। इसके बाद छठी मैया और भगवान सूर्यदेव की उपासना करें और उगते सूर्य को अर्ध्य दे। सूर्य को अर्ध्य देने के बाद जरूरतमंद लोगो को दान दे। व्रत का पारण करते समय शुद्धता का विशेष रूप से ख्याल रखें। इस बात का ध्यान जरूर दे की इस व्रत के पारण में सात्विक भोजन और शुध्दता का ध्यान दे।
इस महापर्व के दौरान साफ सफाई का विशेष ध्यान दे। ऐसे समय जब आप घाट पर पूजा के लिए जाये तो जाये तो कोशिश करे। आपका घर साफ़ सुथरा रहे। घर का फैला छोड़कर न जाए। प्रसाद बनाते समय शुध्दता का ध्यान दे। प्रसाद बनाते समय शुद्ध बर्तनो का इस्तेमाल करे। जिस बर्तन में कभी भी तामसिक भोजन पकाया या खाया गया हो उसका इस्तेमाल नहीं किया जाता है। सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पहले प्रसाद को बाकी लोगों में बांटे इसके बाद ही खुद ग्रहण करें।
छट पूजा में घर जाने के लिए युवक को मिली कन्फर्म टिकट तो दी दोस्तों को रात भर पार्टी अगले दिन सुबह ट्रेन छूटी#chattpuja
— The Fauxy Hindi (@FauxyHindi) November 5, 2024
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